Samasya ka Samadhan: जीवन है तो समस्या है। समस्या का समाधान भी उतना ही जरुरी है। पर हम समस्या पर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण है। एक कहानी जो बड़े ही सरल तरीके से यह बात समझाती है।
एक रेस्टोरेंट में कॉकरोच उड़कर आया और एक महिला पर बैठ गया. महिला कॉकरोच देखकर चिल्लाने लगी, वह डर चुकी थी. उसके चेहरे पर खौफ साफ़ दिखाई दे रहा था. कांपते हुए होठो के साथ अपने दोनों हाथो की सहायता से कॉकरोच से पीछा छुड़ाना चाहती थी. उसकी प्रतिक्रिया ऐसी थी कि उसके ग्रुप के बाकि लोग भी भयभीत हो गये. उस महिला ने किसी तरह कॉकरोच को खुद से दूर किया लेकिन वो उड़ कर दूसरी महिला पर बैठ गया. अब यह ड्रामा जारी रखने की बारी दूसरी महिला की थी.
उसे बचाने के लिए पास खड़ा वेटर आगे बढ़ा. तभी महिला ने कोशिश करते हुए कॉकरोच को भगाने की कोशिश की और वह सफल हुई. अब वह कॉकरोच उड़कर वेटर की शर्ट पर आकर बैठ गया.
समस्या का समाधान आपकी प्रतिक्रिया पर निर्भर है
वेटर घबराने की बजाये शांत खड़ा रहा और कॉकरोच की हरकतों को अपने शर्ट पर देखता रहा. जब कॉकरोच पूरी तरह शांत हो गया तो वेटर ने उसे अपनी उँगलियों से पकड़ा और उसे रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया.
मैं कॉफ़ी पीते हुए ये मनोरंजक दृश्य देख रहा था तभी मेरे दीमाग में कुछ सवाल आये, क्या वह कॉकरोच इस घटना के लिए जिम्मेदार था? अगर हाँ, तो वह वेटर परेशान क्यों नही हुआ? उसने बिना कोई शोर-शराबा किये परफेक्शन के साथ उस स्थिति को संभाल लिया. उस परिस्थिति का जिमेदार वो कॉकरोच नही था बल्कि उन लोगों की परिस्थिती को संभालने की अक्षमता थी, जिसने उन महिलाओं को परेशान किया.
मैंने महसूस किया कि मेरे बॉस का या दुनिया का चिल्लाना मुझे परेशान नही करता है। बल्कि यह मेरी अक्षमता है जो में उन लोगों द्वारा बनाई की गयी परिस्थितियों को संभाल नही सकता. मुशीबत यह ट्रैफिक जाम की नही है जो मुझे परेशान करती है बल्कि मेरी उस परेशानी भरी स्थिति को हैंडल ना कर पाने की अक्षमता है जिससे मैं ट्रैफिक जाम के वजह से परेशान हो जाता हूँ.
प्रॉब्लम से ज्यादा, मेरी उस प्रॉब्लम के प्रति प्रतिक्रिया है जो मेरे जीवन में परेशानी पैदा करती है.
समस्या का समाधान हमारी सोच पर निर्भर करता है
इस घटना ने मेरे सोचने का तरीका बदल दिया, हमे अपने जीवन में कठिन समय में प्रतिक्रिया नही करनी चाहिए, बल्कि उसे समझकर उसका जवाब देना चाहिए उसका हल ढूंढना चाहिए. उस महिला ने प्रतिक्रिया व्यक्त की बल्कि वेटर ने उस परिस्थिती को समझा और उसका समाधान निकाला, प्रतिक्रिया हम बिना सोचे समझे दे देते हैं जबकि जवाब हम सहज तरीके से सोच-समझ कर देते हैं.
जिंदगी को समझने का एक बहुत ही सुन्दर तरीका है. जो लोग खुश हैं वो इसलिए खुश नही हैं कि उनके जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा है. बल्कि इसलिए खुश हैं कि उनका जीवन में सारी चीजों के प्रति दृष्टिकोण ठीक है.
इसीलिए जिंदगी में गुस्सा, जलन, जल्दबाजी और चिंता करने की बजाय प्यार करे और सब्र रखे.
क्योकि, “जो भी हुआ अच्छे के लिये हुआ और जो कुछ भी होगा वह भी अच्छे के लिये हो होंगा”