नेकी लौटकर आती है

ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक गरीब किसान एक दिन अपने खेत पर काम कर रहा था तभी उसे किसी बच्चे के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। आवाज की दिशा में पहुंचकर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल में डूब रहा है। किसान ने खुद को जोखिम में डालकर बच्चे को दलदल से बाहर खींच कर उसकी जान बचा दी।

इस घटना की खबर जब बच्चे के पिताजी को लगी तो वे फ्लेमिंग का धन्यवाद करने उसके गांव पहुंच गए। उन्होंने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए धन्यवाद किया और गरीब किसान फ्लेमिंग को एक बड़ी रकम उपहार में देने का प्रस्ताव रखा, मगर फ्लेमिंग ने उनका प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि मैंने कोई ऐसा काम नहीं किया जिसके लिए आप मुझे इतना धन दे रहे हैं। मैने ये सब मानवता के नाते किया, अगर आप मेरी जगह होते तो आप भी यही करते।

गरीब किसान के स्वाभिमान से प्रभावित वे सज्जन गरीब किसान की मदद कैसे करूं सोच ही रहे थे कि तभी फ्लेमिंग का बेटा झोपड़ी के दरवाजे पर आया। उसे देखकर सज्जन ने फ्लेमिंग से पुछ लिया,”ये बच्चा कौन है।”

“ये मेरा बेटा है,” किसान ने उत्तर दिया।

वे सज्जन कुछ सोचकर बोल पड़े, “अगर आपको मेरे से पैसे लेना मंजूर नहीं है तो आप कम से कम अपने इस बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी मुझे लेने दें। मैं उसे उसी स्कूल में पढ़ाऊंगा जिसमें मेरा बेटा पढ़ रहा है। पढ लिखकर आपका बेटा बड़ा आदमी बन सकता है जिस पर हम दोनों गर्व महसूस कर सकेंगे।

पिता तो पिता होता है। गरीबी के कारण बच्चे के भविष्य के लिए चिंतित रहता था। सोचने लगा मैं कभी अपने बच्चे को शिक्षा नहीं दिला पाऊंगा और न ही उसे वे सुविधाएं, जिससे वह बड़ा आदमी बन सके। बच्चे के भविष्य के खातिर वह उन सज्जन का प्रस्ताव मानने के लिए तैयार हो गया।

अब उस गरीब किसान फ्लेमिंग के बेटे को प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ने का मौका मिला। स्कूल के बाद उसने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट मेरीज मेडिकल स्कूल से स्नातक डिग्री हासिल की।

इस गरीब और स्वाभिमानी किसान फ्लेमिंग का यही बेटा आगे चलकर पूरी दुनिया में पेनिसिलिन का आविष्कारक महान वैज्ञानिक सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग के नाम से विख्यात हुआ।

नेकी फिर कैसे लौटी:

वर्षों बाद, रईस का बेटा निमोनिया से पीड़ित हो गया। पेनिसिलिन ने ही उसकी जान बचाई।

जिसने गरीब किसान फ्लेमिंग के बेटे महान वैज्ञानिक सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग पढ़ाया वो थे लॉर्ड रैंडोल्फ चर्चिल और उनके बेटे का नाम था सर विंस्टन चर्चिल जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इंगलैंड के प्रधानमंत्री थे।

नेकी ऐसे ही लौटकर आती है।

Scroll to Top