जापान के टोक्यो शहर में एक आदमी टैक्सी में सवार हुआ और उसके ड्राइवर से कहा के यहाँ का जो एक हॉस्पिटल है उसके नज़दीक जो इंस्टिट्यूट है मुझे वहां जाना है। वहां का एक कल्चर है, टैक्सी में सवार होने से पहले वहां के ड्राइवर आपको रेस्पेक्ट देने के लिए अपना सर झुकाते हैं तब टैक्सी में बिठाते है, सर झुकाना वहां के कल्चर में शामिल है, वो आदमी टैक्सी में बैठ गया, थोड़ी देर के बाद उसने देखा के ड्राइवर ने टैक्सी का मीटर बंद कर दिया। उसे बड़ी हैरत हुई लेकिन चूँकि वहां की ज़बान नहीं जानता था इसलिए कुछ कह नहीं सका, तक़रीबन 2-3 किलो मीटर चलने के बाद टैक्सी ड्राइवर ने मीटर फिर चालू किया।
जब वो आदमी अपनी मंज़िल पर पहुंचा तो वहां के स्थानिक लोगों ने उसका बड़ी उम्दा तरीक़े से स्वागत किया, तब उस आदमी ने उन लोगों से कहा के आप ज़रा इस ड्राइवर से पूछिए के रस्ते में इसने 2-3 किलो मीटर तक मीटर बंद क्यों रखा? मैं तो पूरा किराया देना चाहता हूँ लेकिन ये समझ नहीं आ रहा के इसने ऐसा क्यों किया? तो उस ड्राइवर का जवाब था असल में मुझे जहाँ से मुड़ना था मैं वहां चूक गया और आगे बढ़ गया, वहां से कोई टर्न नहीं था, तो जो दुरी मैंने अपनी गलती से बढाई उसके पैसे मैं मुसाफिर से नहीं ले सकता।